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Dr.Madhavi Srivastava
1 जून3 मिनट पठन
चमत्कारिक फायदे: प्रदोष व्रत में शिवाष्टक का पाठ
प्रदोष व्रत प्रत्येक माह दोनों पक्षों में त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। प्रायः ये देखा जाता है कि एकादशी को लोग विष्णु से और प्रदोष को शि
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Dr.Madhavi Srivastava
31 मई3 मिनट पठन
माता छिन्नमस्ता —ग्रह दोष और शत्रु का नाश करती हैं
वैशाख शुक्ल चतुर्दशी को छिन्नमस्ता जयंती मनाई जाती है। महाविद्या पंथ में दस देवी कही जाती हैं—काली, तारा, षोडशी, भुनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्त
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Dr.Madhavi Srivastava
31 मई5 मिनट पठन
ॐ पूर्ण॒मदः॒ पूर्ण॒मिदं॒ पूर्णा॒त्पूर्ण॒मुद॒च्यते ईशावास्योपनिषद से लिया गया शांति पाठ-हिन्दी अनुवाद
इस शांति पाठ का उच्चारण साधना, पूजा या ध्यान के प्रारंभ और समापन पर किया जाता है, जिससे मन को शांति, संतुलन और पूर्णता की भावना प्राप्त होती
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Dr.Madhavi Srivastava
31 मई5 मिनट पठन
सभी देवता के गायत्री मंत्र
गायत्री मंत्र न केवल एक प्राचीन वेद मंत्र है, बल्कि यह आत्मा की शुद्धि, बुद्धि की प्रखरता और जीवन की समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण साधना भी ह
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Dr.Madhavi Srivastava
30 मई5 मिनट पठन
संकटमोचन हनुमान अष्टक के पाठ से करें आध्यात्मिक विकास
वाराणसी में संकटमोचन का मंदिर है। यह मंदिर करीब चार सौ वर्ष पुराना है। कहा जाता है कि तुलसीदास जी ने यहीं पर संकटमोचन हनुमानाष्टक की...
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Dr.Madhavi Srivastava
19 मई3 मिनट पठन
आत्मविश्वास प्राप्त करने के लिए आंजनेय स्तोत्र का करें पाठ
हनुमान जी हिंदू धर्म में सर्वोच्च देवता और श्री राम के परम भक्त माने जाते हैं। उनका जन्म चैत्र पूर्णिमा को हरियाणा के कैथल जिले में हुआ था।
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Dr.Madhavi Srivastava
18 मई4 मिनट पठन
प्रणम्य शिरसादेवं गौरी पुत्रम् स्तोत्र का अर्थ और लाभ
भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र गणेश का पूजन भारत में और विश्वभर में गणेश चतुर्थी के त्योहार के दौरान बड़े ही श्रद्धा और भक्ति के साथ...
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Dr.Madhavi Srivastava
18 मई3 मिनट पठन
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते ही मिलेंगे चमत्कारी लाभ
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्टों से मुक्ति मिलती है। ये सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से
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Dr.Madhavi Srivastava
18 मई4 मिनट पठन
रुद्राष्टकम् का पाठ क्यों करें? -हिन्दी अनुवाद सहित
श्री रुद्राष्टकम् स्तोत्र तुलसीदास द्वारा भगवान् शिव की स्तुति हेतु रचित छंद है। इसका उल्लेख श्री रामचरितमानस के उत्तर कांड में आता है। तुलस
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Dr.Madhavi Srivastava
17 मई3 मिनट पठन
भगवान विष्णु के स्मरण से शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति- ॐ अपवित्रः पवित्रो मंत्र का महात्म्य
यह मंत्र वायु पुराण से लिया गया है, जिसका उद्देश्य बाह्य और अंतर दोनों प्रकार की शुचिता से है। इस मंत्र के द्वारा आध्यात्मिक विकास भी सम्भव
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